प्राकृतिक वातावरण से दूरी असाध्य रोगों का कारण
कानपुर। सीएसजेएमयू परिसर में रविवार को प्राकृतिक चिकित्सा-योग सम्मेलन हुआ। गोरखपुर से आए प्रधान चिकित्सक डॉ. विमल मोदी ने कहा कि बढ़ते असाध्य रोगों का एक कारण प्राकृतिक वातावरण से दूरी बनाना भी है। कुलपति डॉ. विनय पाठक ने प्राकृतिक चिकित्सा के जरिए कठिन रोगों पर काबू करने व विवि में शोध व इसका विद्यालय बनाने के संकल्प को दोहराया।
इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन (I.N.O.) नई दिल्ली के तत्वाधान में एक दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा - योग के इस सेमिनार में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनंत बिरादर | ने अध्यक्षता की एवं योग शिक्षा की तरह प्राकृतिक चिकित्सा को भी सरकारी मान्यता | दिलाने की बात दोहरायी । सेमिनार का संचालन वरिष्ठ प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ योगऋषि डॉ. ओम प्रकाश 'आनंद जी' ने किया।
आयुर्वेदाचार्या डॉ. वंदना पाठक ने प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग साधना के साथ आयुर्वेद का प्राथमिक ज्ञान एवं रसोई घर में उपलब्ध लगभग 50 वनौषधियों के औषधीय प्रयोग को जोड़ने का परामर्श दिया। वरिष्ठ प्राकृतिक चिकित्सिका रेकी आचार्या पूनम जी ने कहा कि महिलाओं को | प्राकृतिक चिकित्सा का प्रैक्टिकल ज्ञान यदि शिक्षा के साथ अनिवार्य कर दिया जाए तो बड़े से बड़े रोग होंगे ही नहीं। उन्होंने अपने अनेक अनुभव सुनाये।
कार्यक्रम में पूरे उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले से आई. एन. ओ. के कार्यकारिणी के सदस्य एवं भक्त लगभग 150 की संख्या में उपस्थित हुये। उन्हें प्राकृतिक चिकित्सा | के प्रचार-प्रसार हेतु डॉ. राजीव शर्मा (सेवानिवृत्त आई.ए.एस.), डॉ. सत्येंद्र कुमार मिश्र, डॉ. संजीव पाण्डे, डॉ. नन्दलाल जिज्ञासु, डॉ. शिखा गुप्ता, प्रा. यो. प्रमोद मिश्र आदि ने | अनेक सुझाव दिये। अंत में आई. एन. ओ. उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष एस. एल. यादव एवं संयुक्त सचिव संतोष पांडे ने संयुक्त धन्यवाद दिया ।

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